मुहावरा की उत्पत्ति स्थान गाँव घर ही माना जाता है। जहाँ कोई भाषा से कुछ शब्द का जन्म होता है, और धीरे- धीरे एक दूसरे का मुँह होते हुए आगे बढ़ता है।और भाषा में अपना स्थान सुरक्षित कर लेता है। सदाहरणतया गाँव घर के बोलचाल भाषा मे मुहावरा इस तरह से मिल गया है कि उसकों अलग करना समय से सम्भव नहीं है। और इस सर्वोधिक प्रयोग गाँव घर मे ही होता है। इस तरह की शब्द अथवा वाक्य खण्डों का प्रयोग हमारे भाषा साहित्य में ज्यादा देखी जा सकती है।
गाँव घर मे निवास करनेवाले लोग पढ़ा लिखा नहीं होते है। और उन लोगो द्वारा एक अजीब तरह की भाषा का प्रयोग जिससे अन्य लोगों को अचामभित महसूस होता है और लोगों को सोचने में मजबूर कर देता है।
मुहावरा की उत्पत्ति के संदर्भ में हम विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध जनकारी के आधार पर कह सकते है कि मुहावरा सदाहरण लोगों द्वारा अचानक प्रयोग करने लाये गए वाक्यों खण्डों का उचारण है जो उनके तार्किक आधार पर लक्षण को देखते हुए किया जाता है।
गाँव घर मे निवास करनेवाले लोग पढ़ा लिखा नहीं होते है। और उन लोगो द्वारा एक अजीब तरह की भाषा का प्रयोग जिससे अन्य लोगों को अचामभित महसूस होता है और लोगों को सोचने में मजबूर कर देता है।
मुहावरा की उत्पत्ति के संदर्भ में हम विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध जनकारी के आधार पर कह सकते है कि मुहावरा सदाहरण लोगों द्वारा अचानक प्रयोग करने लाये गए वाक्यों खण्डों का उचारण है जो उनके तार्किक आधार पर लक्षण को देखते हुए किया जाता है।
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