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Showing posts from March, 2018

भाषा के विभिन्न रूप

   भाषा के विभिन्न रूप वस्तुतः जितने व्यक्ति हैं, उतनी भाषाएं हैं, कारण यह है कि किन्हीं दो व्यक्तियों के बोलने का ढंग एक नहीं होता। इसका प्रमाण यह है कि अंधकार में भी किसी की वाणी सुनकर हम उसे पहचान लेते हैं। यह अन्तर केवल बोलने के ढंग से ही नहीं, उच्चारण, शब्द भंडार, यहां तक कि वाक्य विन्यास में भी देखा जाता है। साहित्य में इसी का अध्ययन शैली के अंतर्गत होता है। प्रेमचंद्र की भाषा प्रसाद से भिन्न है और पन्त की निराला से। हिंदी का प्रयोग तो यों सभी करते हैं, फिर यह अंतर क्यों ? जो इन लेखकों या कवियों की रचनाओं से परिचित है, वे दो - चार पंक्तियां पढ़ते - पढ़ते भी अन्यास कह देते हैं कि यह अमुक की भाषा है। प्रेमचंद और प्रसाद की भाषा मे किसी को भ्रम नहीं हो सकता। यह इसलिए कि उस भाषा के पीछे उनका व्यक्तित्व है व्यक्तित्व का यह प्रभाव शिक्षित व्यक्तियों की ही भाषा में नहीं, बल्कि अशिक्षितों की भाषा में भी उसी रूप में पाया जाता है। जिसका जैसा व्यक्तित्व है, उसकी भाषा उसी सांचे में ढल जाती है।         इस तथ्य को स्वीकार कर लेने पर भाषा के अनंत रूप हो जाते हैं ; वस्तुतः उसके अनंत रूप है भी। भ

भाषाओं का वर्गीकरण

  भाषाओं का वर्गीकरण विभिन्न भाषाओं को साधारण दृष्टि से देखने से इस बात का अनुभव होता है कि उनमें परस्पर कुछ बातों में समानता और कुछ में विभिन्नता होती है। समानता दो तरह की हो सकती है-- एक पदरचना की और दूसरा अर्थतत्वों की। उदाहरण के लिए--करना, जाना, खाना, पीना, में समानता इस बात की है की सब में ना प्रत्यय लगा हुआ है जो एक ही संबंधतत्व का बोध कराता है। दूसरी और करना,करता, करेगा, करा, करें, आदि में संबंधतत्व की विभिन्नता है पर अर्थतत्व की समानता है। केवल पदरचना अर्थात संबंधतत्व की समानता पर निर्भर भाषाओं का वर्गीकरण आकृति मूलक वर्गीकरण कहलाता है, दूसरा जिसमें आकृति मूलक समानता के अलावा अर्थतत्व की भी समानता रहती है इतिहासिक या पारिवारिक वर्गीकरण कहा जाता है।                  आकृतिमूलक वर्गीकरण आकृति मूलक वर्गीकरण के हिसाब से, पहले भाषाएं दो वर्गों में बांटी जाती है-- अयोगात्मक और योगात्मक । योगात्मक भाषा उसे कहते हैं, जिसमें हर शब्द अलग- अलग अपनी सत्ता रखता है, उसमे दूसरे शब्दों के कारण कोई विकार या परिवर्तन नहीं होता। प्रत्येक शब्द की अलग-अलग संबंधतत्व या अर्थतत्व को व्यक्त कर