निबन्ध के प्रकार- निबन्ध के तीन प्रकार है। भावात्मक, विचारात्मक , वर्णनात्मक। भावात्मक- भावात्मक निबंध में भाव की प्रधानता होती है। और विचारात्मक निबंध में विचार की, यहां प्रधानता शब्द ध्यान देने योग्य है।कोई भी निबंधकार केवल भाव या विचार के सहारे नहीं चलता, वह अपने साथ भाव और विचार दोनों को लेकर चलता है। पर उसमें कवि भाव पक्ष की प्रधानता रहती है। और कवि विचार पक्ष में भाव पक्ष की प्रधानता रहने पर भावात्मक निबंध की रचना होती है।और विचार पक्ष की प्रधानता रहने पर विचारात्मक निबंध की, कहने का तात्पर्य यह है की ना तो भावात्मक निबंध में बुद्धि की सर्वथा उपेक्षा रहती है। और ना विचारात्मक निबंध में ह्रदय की, विचारात्मक निबंधों में निबंधकार ऐतिहासिक या वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विश्लेषण करता है। पर ऐतिहासिक या वैज्ञानिक की तरह वह विषय से शतर्क नहीं रहता बल्कि विषय के साथ अपने आप को एकाकार कर देता है। विचारात्मक निबंध में का आधार चिंतन है निबंधकार अपने चिंतन के माध्यम से अपनी बात पाठकों तक पहुंचाता है। अपने बुद्धि से पाठकों की बुद्धि को आत्मीयता स्थापित करना इसका उद्देश्य रहता है। निबन्ध की शैली ...